एक बार इस बारे में जरुर सोचना साहब !!!

By Jagmohan Rautela/

मॉ-बाप ने पढ़ाया लिखाया और बच्चे को आईएएस बनने को प्रेरित किया . वह बना भी . नातेदारों ने खूब बधाई दी . पूरी जात बिरादरी गर्दन ऊँची कर चलने लगी . सरकार ने जिले का मालिक बना दिया तो हनक ही दूसरी हो गयी .
इस सब के बाद भी काम क्या मिला ? सड़क से अतिक्रमण हटाने का . गरीब की सब्जी की टोकरी को अतिक्रमण के नाम पर लात मारने का . क्या करना ऐसा आईएएस बनकर .
अतिक्रमण के लिये लोगों के साथ ही सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के ऊपर जब तक कार्यवाही नहीं होगी , तब तक अतिक्रमण होते रहेंगे और जिले के हुक्मरान सब्जी वाले की टोकरी पर लात मारकर अपना फोटू छपवाते रहेंगे .
हुक्मरान क्या ये नहीं जानते कि खतरनाक अस्थाई नहीं स्थाई अतिक्रमण है . हर रोज सत्ता के ताकतवर लोग अतिक्रमण कर रहे हैं , उन्हें हटाने की हिम्मत क्यों नहीं ?
इससे यह भी पता चलता कि जिले के हुक्मरान की अपने मातहतों पर बिल्कुल नहीं चलती .अन्यथा मजाल है कि कहीं भी अतिक्रमण होता ? साहब और भी बहुत जरुरी काम हैं लोगों के उन्हें हल करो . सब्जी की टोकरी पलटने का काम अपने मातहत को ही करने दें तो अच्छा होगा . उसको भी जवाबदेह बनाओ . वह भी तो आपकी ही व्यवस्था का अंग है और व्यवस्था का हर अंग जब तक सही तरीके से काम नहीं करेगा तब तक अराजकता हर पल हावी रहेगी साहब !!

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