यादव सिंहों की सैरगाह बना उत्तराखंड

WatchDog/Deharadun/कमीशनखोरी के जरिये अपनी नामी-बेनामी संपत्तियों का विशाल साम्राज्य खड़ा करने वाले उत्तर प्रदेश के बदनाम इंजीनियर यादव सिंह को तो आखिरकार सीबीआई ने गिरफतार कर लिया, लेकिन उत्तराखंड में ऐसे दर्जनों यादव सिंह सरकारी संरक्षण में जमकर लूटखोरी में लगे हुए हैं। राज्य के सिंचाई विभाग से लेकर लोक निर्माण विभाग तक में ऐसे भ्रष्ट इंजीनियरों की भरमार है जो भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी में गहरे तक धंसे हुए हैं। जैसे-जैसे इन भ्रष्टों के रिटायरमेंट का वक्त नजदीक आता है इनकी भूख और बढ़ जाती है। लोक निर्माण विभाग में सबसे भ्रष्ट इंजीनियरों में शुमार किए जाने वाले मुलायम सिंह की भूख भी इन दिनों खूब कुलाचे भर रही है। रिटायरमेंट के दिन गिन रहे मुलायम सिंह की इस भूख से ठेकदार भी खासे परेशान हैं। केदारघाटी में दो साल पहले आई आपदा के बाद रूद्रप्रयाग में लोक निर्माण विभाग का मुखिया रहते हुए मुलायम सिंह ने जमकर आपदा के नाम पर माल कटाई की। मुलायम सिंह जैसों के जाल में फंसे स्थानीय ठेकेदार आज तक उबर नहीं पा रहे हैं। गाजियाबाद, मेरठ की कंपनियों के साथ सांठगांठ कर मुलायम सिंह जैसे अपना गोरखधंधा चलाते हैं। रूद्रप्रयाग के बाद मुलायम सिंह पिछले चार-छह महीने से पौड़ी में अपने गुल खिला रहे हैं। मुलायम सिंह के लिए पौड़ी इसलिए भी खास है कि संभवतः वे यहीं से रिटायरमेंट भी हो जाएंगे। रिटायरमेंट के दिन काट रहे मुलायम सिंह की भूख भी उसी गति से बढ़ रही है जिस गति से उनके आखिरी दिन करीब आ रहे हैं। बड़े ठेकेदारों को तो मुलायम सिंह की पैसों की इस भूख से ज्यादा परेशानी नहीं है, लेकिन पहाड़ों में रोजगार के साधन के तौर पर लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारी करने वाले ठेकेदारों की एक बड़ी संख्या ऐसी है जो मुलायम सिंह से इन दिनों खासी परेशान बतायी जा रही है। नाम न छापने की शर्त पर ठेकेदारों के एक गु्रप ने बताया कि पौड़ी में इन दिनों कमीशनखोरी अपने चरम पर है। ठेकेदार बताते हैं कि कमीशनखोरी तो लोकनिर्माण विभाग की कार्यप्रणाली का हिस्सा है, लेकिन जब भी कोई बड़े अफसर रिटायरमेंट के करीब आता है तो उसकी भूख कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है। मुलायम सिंह के कारनामों की शिकायत हरीश रावत तक भी पहुंचायी गई, लेकिन कहीं से कोई हरकत नहीं है। सवाल यह है कि जब सत्ता के संरक्षण में ही कमीशनखोरी का खेल चल रहा हो तो मुलायम सिंह जैसों के हौसले तो बुलंद होंगे ही। मुलायम सिंह इस राज्य में वही कर रहे हैं जिसके लिए यहां के नेताओं ने उन्हें भरपूर प्यार और स्नेह आततक दिया है। मुलायम सिंह जैसे का हस्र तो यादव सिंह की तर्ज पर होना चाहिए, लेकिन जिस राज्य में नेता ही लूटमार करने में मस्त हों, वहां इसकी उम्मीद भी कैसे की जा सकती है।विजय बहुगुणा के कुशासन व घपले-घोटालों को खिलाफ भजन-कीर्तन करते हुए सीएम की कुर्सी तक पहुंचे हरीश रावत के राज में जो कुछ हो रहा है वह और भी परेशान करने वाला है। जिस हरीश रावत ने लोग उम्मीद पाल रहे थे कि वे भ्रष्टाचार के मुददे पर कोई ठोस कदम उठाएंगे, इस मामले में निराशा ही हाथ लगी। हरीश रावत के राज में न केवल भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की विषवेला दिनोंदिन अपने पांव पसार रही है बल्कि जिस तेजी से इस राज्य में पिछले दो सालों में माफिया कल्चर अपने पांव पसार रहा है वह और भी खतरनाक है। वह चाहे कमीशनखोरी हो या फिर राज्य के संसाधनों को कौडि़यों के भाव बिल्डरों, माफियाओं और जिंदल जैसे धन्नासेठों के हाथों नीलाम करने का हो, हरीश रावत अपने पूर्ववर्तियों से कहीं आगे निकल गए हैं।

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