जांच के घेरे में आया उत्तराखंड का शीर्ष भ्रष्टाचारी नौकरशाह

WatchDog//उत्तराखंड का एक शीर्ष स्तर का रिटायर आईएएस अफसर जांच के घेरे में आ गया है। भ्रष्टाचार से काली कमाई करने वाला ये अफसर रिटायर होने के बाद भी सरकार की नाक का बाल बना हुआ है। इसकी काली करतूते उत्तराखंड से दिल्ली तक फैली हुई हैं। कांग्रेस से लेकर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से इसके गहरे रिश्ते हैं, मगर अब ये एक मामले में फंस चुका है। इससे पूछताछ की गई है और बयान भी लिए गए हैं। ये भ्रष्ट अफसर पिछले दिनों एक बिल्डर के ठिकानों पर पड़े छापों के बाद जांच एजेंसी की लपेट में आया। बिल्डर के यहां पड़े छापों में जो जांच हुई उसमें बिल्डर और रिटायर अफसर के बीच सैकड़ों बार फोन पर बातचीत हुई है। ये साहब इसी आधार पर गिरफत में आए। बताते चलें दिल्ली, गाजियाबाद, गुड़गांव और देहरादून में कारोबार कर रहा उक्त बिल्डर सत्ताशीर्ष पर भी अपना प्रभाव जमाये था। सरकार में शामिल एक बड़े नेता उसके करीबी हैं। आड़े वक्त में उस नेता के काम यही बिल्डर आया था और उसने सत्ता सिंहासन पर पहुंचाने का रास्ता साफ किया था। इस बात की चर्चा उद्योगपतियों से लेकर बिल्डरों तक में थी। बिल्डरों की एक मीटिंग में उक्त बिल्डर ने लम्बी-लम्बी हांकी। उसने बताया कि उसके विभिन्न शहरों में करोड़ों-अरबों के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उसकी इस चर्चा ने प्रतिद्वंद्वी बिल्डरों के कान खड़े कर दिये। वहां से ये बात निकलकर एक केन्द्रीय जांच एजेंसी के पास पहुंची। तब जांच एजेंसी हरकत में आई और टटोलने के लिहाज से बिल्डर के ठिकानों पर छापेमारी की। जांच में पता चला कि बिल्डर ने सर्वाधिक फोन काॅल एक रिटायर आइएएस अफसर को की। अफसर की भी काॅल डिटेल पाई गई। बिल्डर के ठिकानों पर पड़े छापों में कुछ सरकारी फाइलें जांच एजेंसी के हाथ लगीं। यहां से जांच एजेंसी का माथा ठनका और इस रिटायर आईएएस अफसर को पूछताछ के लिए तलब किया गया। इस शातिर अफसर ने अपने को बचाते हुए सारा ठीकरा सत्तारूढ़ दल के एक बड़े नेता पर थोप दिया। बताते हैं कि इस अफसर ने ये बात स्वीकार की कि उसने नेताजी के कहने पर ही बिल्डर के जरिये उलटे-पुलटे कामों को अंजाम दिया। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले इस मामले में जबरदस्त धमाका होगा, जिसकी लपटें सत्तारूढ़ दल तक जाएंगी।

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